सर्दियों के दौरान करें हल्दी का अद्भुत उपयोग, पाएं 10 समस्याओं में आराम

सर्दियों के दौरान करें हल्दी का अद्भुत उपयोग, पाएं 10 समस्याओं में आराम

रोहित पाल

हल्दी केवल भारतीय व्यंजनों में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाने वाला मसाला नहीं है। यह एक अद्भुत मसाला है, एक सुपर फूड है। हम में से ज्यादातर लोग भूल गए हैं कि इसके औषधीय गुण स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, पीड़ा और दर्द को कम करने, रक्त को साफ करने और बीमारी से लड़ने में सक्षम बनाते हैं। कुछ लोग नहीं जानते हैं कि हल्दी को मूड को बढाती है और दिमाग की कार्य करने की कार्यक्षमता को बढ़ा सकती है। अदरक की ही तरह ही हल्दी का खाने योग्य हिस्सा कुरकुमा लौन्गा (curcuma longa) पौधे की जड़ है। आमतौर पर यह जड़ सूख जाती है और पाउडर के रूप में उपयोग की जाती है।

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हल्दी के उपयोग से इम्युनिटी क्षमता बढ़ाएं:

सर्दियों का मौसम है, जब अधिकतर लोग बीमार पद जाते हैं, लेकिन विशेष रूप से बच्चे और बुजुर्ग हवा में उड़ने वाले हर तरह के संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं। ध्यान रखें कि हल्दी के एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण इम्युनिटी यानी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करते हैं। आमतौर पर लोग ब्रांडेड पाउडर हल्दी का उपयोग करते हैं। हालांकि अगर आपको ताजी और शुद्ध हल्दी मिल सकती है तो इसे कच्चा ही खा सकते हैं, इसके अलावा इसे खाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि इसे अचार, रीलीज़, सॉस, केचप और चटनी में इस्तेमाल करें, जिसे ब्रेड स्प्रेड, सलाद, सैंडविच, बर्गर के लिए ड्रेसिंग या पकौड़े के साथ खाएं।         

हीमोग्लोबिन बढ़ाएं, वजन कम करें और हार्ट हेल्थ सुधारें:

कच्ची हल्दी का एक इंच लंबा टुकड़ा धो लें, छील लें और काट लें। इसे एक कटोरी बंगाल चने और थोड़े से गुड़ में मिलाएं। इसे रोजाना सुबह खाली पेट खाएं। यह आपके रक्त में अशुद्धियों को साफ करेगा, हीमोग्लोबिन काउंट में सुधार करेगा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। अक्सर हल्दी वजन घटाने और पमैनेजमेंट में सहायक होती है और हृदय संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। हल्दी में करक्यूमिन पाया जाता है जो एंडोथेलियम (Endothelium) के कार्य को बेहतर बनाता है, आपकी रक्त वाहिकाओं की परत, रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए, रक्त के थक्कों को रोककर रक्त वाहिकाओं में रुकावट को कम करता है। जिससे दिल की सेहत बढ़ती है।

लिवर स्वस्थ रखें - हल्दी लिवर के स्वास्थ्य में सुधर करता है। इसमें ऐसे एंजाइम पाएं जाते हैं जो शरीर को detoxify करने में सहायता करते हैं और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है।

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हल्दी के उपयोग से सर्दी को खत्म करें:

हल्दी आपकी त्वचा के लिए अद्भुत काम करती है। इसके अलावा सर्दियों में त्वचा की देखभाल दोगुनी आवश्यक हो जाती है क्योंकि सर्दियों का शुष्क मौसम त्वचा की ऊपरी परत से सारी नमी को नष्ट करने का काम करता है, जिससे होता यह कि त्वचा फट जाती है और मृत त्वचा की एक अतिरिक्त परत बन जाती है। मृत त्वचा को एक्सफोलिएट करने के लिए हल्दी, शहद और दूध का व्हीप्ड पेस्ट बनाएं। इसे पेस्ट को अपने चेहरे, गर्दन, हाथों और शरीर के अन्य हिस्सों पर लगाएं, जिससे त्वचा जीवंत और खुशहाल हो जाती है। कभी-कभी लोग अपनी त्वचा को चिकना करने के लिए कोल्ड क्रीम या तेलों का उपयोग करते हैं तो वह ब्रेकआउट महसूस करते हैं। ऐसे मामलों में, आप एक चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर में एक चम्मच ताजा एलोवेरा जेल मिलकर पेस्ट बनाएं और इसे अपने चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट बाद धो लें। जिससे चमकदार त्वचा पा सकते हैं। दो सप्ताह से एक महीने के भीतर परिणाम दिखना शुरू हो जाएगा।

बिना साइड-इफेक्ट्स के पीड़ा और दर्द से राहत पाएं:

हल्दी के औषधीय गुण से सभी प्रकार के पीड़ा और दर्द से राहत पा सकते हैं। इसमें कर्क्यूमिन नामक एक सक्रिय घटक होता जो दर्द में वैसे ही काम करता है जैसे दर्द निवारक दवाइयां करती है। अभी भी कई घरों में जब भी किसी व्यक्ति की मांसपेशियों में चोट लगी होती है तो हल्दी को दर्द को कम करने के लिए एक गिलास गर्म दूध मिलाकर देने की प्रथा है। वैसे हल्दी वाले दूध और turmeric latte में कीमत के अलावा कोई फर्क नहीं होता है जो आप बाजार से खरीदते हैं। चाहे आप इसे वेजी सूप और करी से जोड़ दें, इसे स्मूदी में मिलाएं, इसे स्वाद के लिए चावल में मिलाएं, विशेष रूप से नींबू चावल, इसे शहद के साथ लें या दूध के साथ मिलाएं, यह आपको स्वाद के साथ सेहत का उपचार भी करती है। लेकिन याद रखें कि करक्यूमिन को एक चुटकी काली मिर्च की  जरूरत पड़ती है और इसके साथ ही इसमें घी को मिलाएं ताकि यह खून में अच्छी तरह मिल सके।

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मौसमी बीमारियों और अन्य एलेर्जी में फायदेमंद:

आप सर्दी और खांसी को रोकने के लिए हल्दी पाउडर को एंटी-एलर्जेन के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं, जो सर्दियों के दौरान बहुत आम हैं। यह सर्दियों में अस्थमा को नियंत्रण में रखने में मदद करता है क्योंकि यह फेफड़ों को साफ रखने में मदद करता है। यदि आप या कोई आपका अपना ऐसी गंभीर खांसी से पीड़ित है, जो विशेष रूप से रात में सोते समय एक चुनौती बन जाए और कोई भी दवाई, जिसमें एंटी-टसिव सिरप भी शामिल है उतना काम नहीं करती है तो एक सरल उपाय है, बिस्तर पर जाने से ठीक पहले  एक चम्मच हल्दी और एक चुटकी नमक को गुनगुने पानी में मिलाकर पी लें। पूरी रात बिना किसी खांसी के आप आराम से सोते रहेगें और अगली सुबह जागते हुए हैरान रह जाएंगे। हल्दी के एंटी-फंगल गुण इसे एक उत्कृष्ट एंटीसेप्टिक बनाते हैं। परंपरागत रूप से चोट लगने पर प्रभावित क्षेत्र पर हल्दी का लेप लगाया जाता है।

खुद का स्वास्थ्य टॉनिक बनाएं- अदरक, शहद और दो आंवले में हल्दी मिलाएं। इसे अच्छी तरह मिला लें। इम्यून बूस्ट और एंटीएलर्जेन की अच्छाई से भरपूर स्वादिष्ट पेय बनाने के लिए इसमें एक चुटकी काला नमक, पुदीने की पत्तियां, एक गाजर और एक चम्मच ताजा नींबू का रस मिला सकते हैं।

हल्दी को अपना ब्यूटी सीक्रेट बनाएं:

सेहतमंद बने रहने के लिए हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट का लाभ उठाएं और अधिक उम्र तक जवां दिखें। एंटीऑक्सिडेंट इतने फायदेमंद होते हैं क्योंकि यह आपके शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं जो फैटी एसिड, प्रोटीन, या डीएनए जैसे कार्बनिक पदार्थों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं और बीमारियों का कारण बनते हैं और जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज करते हैं। करक्यूमिन आपके शरीर के स्वयं के एंटीऑक्सीडेंट एंजाइमों की गतिविधि को उत्तेजित करता है और फ्री रेडिकल्स को ब्लॉक करता है।  एंटीऑक्सीडेंट आपकी त्वचा को चमकदार बनाए रखते हैं। यदि आप ताजी हल्दी को पीसकर उसमें जैतून का तेल मिलाकर उसका मिश्रण बना कर पेस्ट तैयार कर लें और उस पेस्ट से सफ्ताह में तीन बार अपने दांत साफ करते हैं तो आप अपने मोती जैसे चमकदार दांतों से लोगों को चकाचौंध कर सकते हैं। डैंड्रफ और ड्राई स्कैल्प की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए अपने तेल में हल्दी मिलाकर बालों को शैम्पू करने से पहले इसे लगाएं।

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अपने दिमाग की सेहत को प्रोटेक्ट करें:

करक्यूमिन दिमाग के ब्रेन डिराइव्ड न्यूरोट्रॉफिक फैक्टर (BDNF) के स्तर को बढ़ाता है, एक प्रकार का विकास हार्मोन जो आपके मस्तिष्क में कार्य करता है।  BDNF का घटता स्तर मस्तिष्क संबंधी बीमारियों जैसे डिमेंशिया, अल्जाइमर रोग और अवसाद की शुरुआत से जुड़ा हुआ है। नियमित रूप से हल्दी का सेवन करने से, यहां तक कि कई मामलों में मस्तिष्क क्षय और माइंड फंक्शन को रिवर्स और ख़राब होने से रोक सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि करक्यूमिन अमाइलॉइड प्लाक  को क्लियर करता है जो प्रोटीन tangles का एक निर्माण है और अल्जाइमर रोग होने का एक प्रमुख कारण है। यदि बच्चों को बहुत कम उम्र से हल्दी दी जाती है तो वह तेज बौद्धिक विकास से बढ़ेगें।

 

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